Sunday, December 30, 2018

डेबिट और क्रेडिट कार्ड वालों: आज आपकी डेडलाइन है

अगर आपके डेबिट या क्रेडिट कार्ड में सामने की ओर बाईं तरफ़ मोबाइल के सिम कार्ड की तरह नज़र आने वाला चिप नहीं लगा है तो 31 दिसंबर, 2018 के बाद आपका कार्ड मान्य नहीं रहेगा.

भारतीय रिज़र्व बैंक ने साल 2015 में देश के सभी बैंकों को सितंबर से सिर्फ़ ईएमवी चिप और पिन वाले कार्ड मुहैया करवाने को कहा था ताकि ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाया जा सके.

ईएमवी वाले कार्ड पहले के उन कार्डों से ज़्यादा सुरक्षित हैं, जिनमें पीछे की ओर लगी काले रंग की मैग्नेटिक स्ट्रिप या चुंबकीय पट्टी लगी होती थी. इस चुंबकीय पट्टी में ख़ाते से जुड़ी जानकारी स्टोर होती थी.

जब मशीन वग़ैराह में कार्ड डाला जाता है, इसी चुंबकीय पट्टी में मौजूद जानकारी को प्रोसस करके लेन-देन किया जाता है. लेकिन यह तरीक़ा सुरक्षित नहीं था. इससे ग्राहकों के साथ धोखाधड़ी होने का ख़तरा बना रहता था.

मगर ईएमवी कार्डों में एक विशेष चिप लगी होती है, जिसमें ग्राहक के ख़ाते से जुड़ी एनक्रिप्टेड जानकारी स्टोर होती है. इसे तब तक ऐक्सेस नहीं किया जा सकता, जब तक कि ग्राहक मशीन में पिन न डाल दे.

नए ईएमवी कार्डों को चिप वाले कार्ड या आईसी कार्ड भी कहा जाता है. इनमें सामने बाईं ओर एक चिप लगी होती है जिसमें अकाउंट की जानकारी एनक्रिप्ट होती है.

इसलिए लेन-देन करना हो तो मशीन तक तब इसकी जानकारी को प्रोसेस नहीं कर सकती, जब तक कि सही पिन दाख़िल न किया जाए.

कार्ड के माध्यम से लेन-देन के इस पहले से अधिक सुरक्षित माध्यम को सबसे पहले प्रमुख कार्ड कंपनियों यूरोपे, मास्टरकार्ड और वीज़ा ने मान्यता दी थी, इसीलिए इसे EMV कहा जाता है.

इसके बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने भी सितंबर 2015 में बैंकों को इस तकनीक वाले कार्ड को जारी करने के लिए कहा था.

कई बैंक लंबे समय से ईएमवी कार्ड दे रहे हैं जिनमें पीछे की ओर मैग्नेटिक स्ट्रिप तो होती है, सामने एक चिप भी लगी होती है.

जिन ग्राहकों के कार्ड इस बीच एक्यपायर हुए थे, उन्हें भी नए चिप युक्त कार्ड ही दिए गए हैं.

अगर आपके पास अभी भी बिना चिप वाला पुराना मैग्नेटिक स्ट्रिप वाला ही कार्ड है तो आप इसे बैंक जाकर बदलवा सकते हैं.

इसके लिए ग्राहकों को अपनी पासबुक लेकर बैंक जाना होगा और एक फॉर्म भरना होगा. इसके बाद वे नया और सुरक्षित कार्ड ले सकते हैं.

जो लोग इंटरनेट बैंकिंग इस्तेमाल करते हैं, वे ऑनलाइन भी नए कार्ड का आवेदन कर सकते हैं.

हालांकि, बहुत से बैंकों ने एसएमएस, ईमेल और कॉल के माध्यम से अपने ग्राहकों को इस संबंध में सूचित किया था तो कुछ ने अपने स्तर पर ही ग्राहकों के पते पर नए कार्ड भेज दिए थे.

Wednesday, December 26, 2018

डेब्यू टेस्ट में 50+ रन बनाने वाले 7वें भारतीय बने मयंक, पहले दिन भारत का स्कोर 215/2

भारत ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ तीसरे टेस्ट की पहली पारी में दो विकेट पर 215 रन बना लिए हैं। पहले दिन का खेल खत्म होने पर चेतेश्वर पुजारा 68 और कप्तान विराट कोहली 47 रन बनाकर नॉटआउट रहे। इससे पहले ओपनर मयंक अग्रवाल ने डेब्यू टेस्ट में अर्धशतक लगाया। उन्होंने 76 रन की पारी खेली। मयंक ऑस्ट्रेलिया की धरती पर डेब्यू टेस्ट में अर्धशतक लगाने वाले 7वें भारतीय बने। वहीं, इस मैच में ओपनिंग करने वाले हनुमा विहारी 8 रन ही बना सके। दोनों ओपनर्स के विकेट पैट कमिंस ने लिए।

पुजारा ने 21वां अर्धशतक लगाया
भारतीय ओपनर्स ने 18.5 ओवर तक बल्लेबाजी की। इस दौरान विहारी और मयंक ने 40 रन की साझेदारी की। मयंक ने टेस्ट करियर का पहला अर्धशतक लगाया। मयंक के बाद चेतेश्वर पुजारा ने भी अर्धशतक लगाया। यह उनके करियर का 21वां अर्धशतक है। मयंक और पुजारा ने दूसरे विकेट के लिए 83 रन की साझेदारी की। वहीं, पुजारा ने कोहली के साथ तीसरे विकेट के लिए 92 रन जोड़े।

पहली पारी में भारत के विकेट

पहला विकेट : पैट कमिंस की यह गेंद शॉर्ट थी। हनुमा ने क्रीज से बाहर निकलकर मारने की कोशिश की, लेकिन वे सफल नहीं हुए और गेंद बल्ले का बाहरी किनारा लेते हुए दूसरी स्लिप पर खड़े एरॉन फिंच के हाथों में समा गई।
दूसरा विकेट: चायकाल से ठीक पहले पारी के 55वें ओवर में भारत को दूसरा झटका लगा। पैट कमिंस ने मयंक अग्रवाल को विकेटकीपर टिम पेन के हाथों कैच आउट कराया। कमिंस पारी की शुरुआत से ही मयंक को लगातार शॉर्ट गेंद डाल रहे थे। उन्हें इसी गेंद पर सफलता भी मिली। मयंक पहले गेंद को छोड़ना चाहते थे, लेकिन गेंद बल्ले से लगकर विकेट के पीछे चली गई।

हम चाहते हैं कि रोहित खुलकर खेलें, इसलिए वे छठे नंबर पर उतरेंगे : विराट

टॉस जीतने के बाद भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कहा, ‘यह पिच धीरे-धीरे स्लो होगी, ऐसे में तीसरे और चौथे दिन बल्लेबाजी करने में मुश्किल आएगी। हम इसे सीरीज के आखिरी मुकाबले की तरह ले रहे हैं, इसलिए हम इसे जीतकर सीरीज में आगे रहना चाहते हैं। ऑस्ट्रेलियाई भी ऐसा ही करना चाहेंगे। यह टेस्ट दोनों टीमों के लिए काफी अहम है। मयंक अग्रवाल और हनुमा विहारी ओपनिंग करेंगे। रोहित छठे नंबर पर खेलने आएंगे। हम रोहित से ओपनिंग कराने की सोच रहे थे, लेकिन वे टैलेंडर्स के साथ मिलकर विपक्षी टीम के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। हम चाहते हैं कि वे खुलकर खेलें।’

Monday, December 17, 2018

क्या अनुष्का शेट्टी को डेट कर रहे हैं प्रभास? करण जौहर के शो में तोड़ी चुप्पी

कॉफी विद करण के अपकमिंग एपिसोड में बाहुबली की टीम नजर आएगी. करण जौहर के शो में प्रभास, राणा दग्गुबाती और एस एस राजमौली तीखे सवालों का जवाब देंगे. स्टार वर्ल्ड पर शो के दो प्रोमो जारी किए गए हैं. जिसमें बाहुबली स्टार प्रभास अपनी निजी जिंदगी से जुड़े सवालों का बेबाकी से जवाब देते नजर आ रहे हैं.

रैपिड फायर राउंड में करण जौहर ने प्रभास-राणा से पूछा कि क्या आप सिंगल हैं? दोनों ने हां जवाब दिया. अगले सवाल में जब करण ने पूछा- क्या आपने काउच पर झूठ बोला है? प्रभास ने तुरंत हां कहा.

प्रभास के रिलेशनशिप स्टेट्स पर गोलमाल जवाब ने एक्टर के फैंस को फिर से असमंजस में डाल दिया है. बता दें, फिल्म बाहुबली में साथ आने के बाद से प्रभास और अनुष्का शेट्टी का रिलेशन चर्चा में है. दोनों के डेटिंग की खबरें हैं. आए दिन उनके शादी करने की भी खबरें  गॉसिप गलियारों में बनी रहती हैं. हालांकि दोनों ने अपने रिश्ते को सिर्फ दोस्ती का नाम दिया है.

दूसरे वीडियो में करण जौहर ने पूछा- प्रभास क्या आप किसी को डेट कर रहे हैं? आपके अनुष्का को डेट करने की खबरें सही हैं या गलत? जवाब में बाहुबली एक्टर डेटिंग से इंकार करते हैं. फैंस को इस एपिसोड का बेसब्री से इंतजार है. ये पहली बार है जब साउथ फिल्मों के एक्टर्स करण जौहर के शो में शामिल हुए हैं.

जबकि शपथ ग्रहण में कर्नाटक के मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी, पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौडा, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन चंद्रबाबू नायडू, आरजेडी नेता तेजस्वी यादव, जेएमएम अध्यक्ष हेमंत सोरेन भी नजर आए. हालांकि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा प्रमुख मायावती कांग्रेस के इस समारोह में शामिल नहीं हुए.

गौरतलब है कि कर्नाटक में एचडी कुमारस्वामी के शपथ ग्रहण समारोह में विपक्ष दलों ने एकजुटता दिखाने की कोशिश की थी. वहां अखिलेश से लेकर मायावती तक भी विपक्षी दलों के साथ नजर आए थे. इसके बावजूद कई ऐसे मौके आए जब विपक्षी नेताओं ने एक दूसरे पर हमले करते दिखे.

ऐसे में विपक्षी दलों को एक साथ लेकर राहुल गांधी तीन प्रदेशों का दौरा कर रहे हैं. माना जा रहा है कि शपथ ग्रहण समारोह के जरिए राहुल गांधी का विपक्षी दलों को साथ लाने और नरेंद्र मोदी को अपनी सियासी ताकत का एहसास करने के मद्देनजर भी देखा जा सकता है.

Thursday, December 13, 2018

मौनी का आइटम सॉन्ग चर्चा में, दिखा ग्लैमरस अंदाज

कन्नड़ एक्टर यश की मचअवेटेड फिल्म KGF का नया गाना रिलीज हो गया है. इसे बॉलीवुड एक्ट्रेस मौनी रॉय पर फिल्माया गया है. मौनी का ये आइटम सॉन्ग हिंदी वर्जन में रिलीज हुआ है. गाने का नाम ''गली गली'' है, इसे नेहा कक्कड़ ने गाया है. म्यूजिक दिया है तनिष्क बागची ने.

ये सॉन्ग फिल्म "त्रिदेव" के हिट सॉन्ग ''गली गली में'' का नया वर्जन है. बता दें कि ओरिजनल सॉन्ग संगीता बिजलानी पर फिल्माया गया था. मौनी रॉय ग्लैमरस लुक में हैं. गाने में मौनी अपने शानदार डांस मूव्स से फैंस को इंप्रेस कर रही हैं.

म्यूजिक लवर्स के लिए ये गाना परफेक्ट पार्टी नंबर है. फिल्म को प्रशांत नील ने डायरेक्ट किया है. ये मूवी दो भाग में रिलीज होगी. KGF 70 के दशक की कहानी पर आधारित है. फिल्म को कन्नड़, हिंदी, तमिल, तेलुगू और मलायलम भाषा में रिलीज किए जाएगा. ये साउथ फिल्म इंडस्ट्री में रितेश सिद्धवानी और फरहान अख्तर का पहला वेंचर है. फिल्म 21 दिसंबर को रिलीज होगी.

बता दें कि मौनी रॉय ने हाल ही में अक्षय कुमार के साथ फिल्म "गोल्ड" से फिल्मों में डेब्यू किया था. मूवी ने बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन किया था. मौनी इससे पहले भी आइटम सॉन्ग कर चुकी हैं.

बाद में श्रीसंत दीपिका की दी हुई चीजों को वापस करने लगे. दीपिका ये रवैया देखकर हैरान-परेशान हो जाती हैं. वे श्रीसंत से बार-बार पूछती हैं कि वे ऐसा बिहेव क्यों कर रहे हैं? लेकिन एक्ट्रेस को कोई जवाब नहीं मिलता. इसके बाद दीपिका रोते हुए वॉशरूम में चली जाती हैं. फैंस को श्रीसंत को ये बचकाना एटिट्यूड पसंद नहीं आ रहा है. इसके बाद सोशल मीडिया पर कई यूजर्स ने श्रीसंत के दीपिका संग बनाए भाई-बहन के रिश्ते को फर्जी तक बता दिया है.

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भी राष्ट्रीय पदाधिकारियों की बैठक बुलाई है. इसमें सभी राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष और संगठन महासचिवों को बुलाया गया है. इस बैठक में जनवरी के दूसरे हफ़्ते में होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन के एजेंडे को लेकर चर्चा होगी. विधानसभा चुनाव में मिली हार और 2019 के लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए कैसे संगठन को तैयार करना है, स्थानीय मुद्दों पर पार्टी की रणनीति कैसे बनाई जाए इस पर चर्चा होगी.

केंद्र सरकार की गरीब कल्याण योजनाओं को जल्द से जल्द जमीन पर पहुंचाया जाए इस पर भी चर्चा होगी. बीजेपी शासित राज्यों में सरकार और पार्टी के बीच समन्वय को कैसे बेहतर किया जाए इस पर भी जोर दिया जाएगा. बीजेपी शासित राज्यों में रिक्त सरकारी और राजनीतिक पदों पर पार्टी नेताओं की नियुक्तियां जल्द हों, इस पर भी विचार विमर्श किए जाने की संभावना है.

Monday, December 10, 2018

भारत ने एडिलेड में ऑस्ट्रेलिया को 31 रन से हराया, स्कोरकार्ड के लिए क्लिक करें

पारी का 12वां ओवर अश्विन ने फेंका। आखिरी गेंद पर फिंच सामने थे। उन्होंने गेंद को खेलने की कोशिश की, लेकिन विकेट के पीछे ऋषभ ने उनका कैच पकड़ लिया। अंपायर ने आउट दे दिया, लेकिन फिंच को लगा कि शायद वे आउट नहीं हैं। उन्होंने इस बारे में कुछ क्षण हैरिस से बातचीत की और फिर पवेलियन की ओर बढ़ गए। उस समय ऑस्ट्रेलिया का स्कोर 28 रन था।

दूसरा विकेट : ऑस्ट्रेलिया के स्कोर में 16 रन ही और जुड़े थे कि मोहम्मद शमी की गेंद को कट करने की कोशिश में मार्क्स हैरिस विकेट के पीछे ऋषभ के हाथों लपके गए। उन्होंने 26 रन बनाए।
तीसरा विकेट : फिंच के आउट होने पर मैदान में उस्मान ख्वाजा आठ रन पर थे। उन्होंने रविचंद्रन अश्विन की एक गेंद को सीमा रेखा के पार भेजने की कोशिश की, लेकिन स्वीपर कवर में रोहित शर्मा ने उनका शानदार कैच पकड़ लिया। उस समय टीम का स्कोर 60 रन था।

चौथा विकेट : शुरुआती तीन बल्लेबाजों के आउट होने के बाद शॉन मार्श और पीटर हैंड्सकॉम्ब ने चौथे विकेट के लिए 24 रन जोड़ लिए थे। तभी भारतीय कप्तान विराट कोहली ने इशांत शर्मा की जगह शमी को गेंद थमाई। शमी ने पांचवीं गेंद पर पीटर हैंड्सकॉम्ब को मिड-विकेट पर चेतेश्वर पुजारा के हाथों कैच आउट करा दिया।

पांचवां विकेट: इशांत शर्मा ने पांचवें दिन भारत को पहली सफलता दिलाई। उन्होंने 57वें ओवर में ट्रेविस हेड को अजिंक्य रहाणे के हाथों कैच आउट कराया। हेड ने 62 गेंद में 14 रन बनाए।

छठा विकेट: जसप्रीत बुमराह ने 73वें ओवर की पहली गेंद पर शॉन मार्श को पवेलियन भेजा। मार्श ने 166 गेंद में 60 रन बनाए। टेस्ट करियर में पहली बार चौथी पारी में उन्होंने अर्धशतक लगाया।

सातवां विकेट: बुमराह ने लंच के बाद 85वें ओवर में कप्तान टिम पेन को आउट कर दिया। पेन ने 41 रन बनाए। उन्होंने सातवें विकेट के लिए पैट कमिंस के साथ 31 रन की साझेदारी की।

आठवां विकेट: मोहम्मद शमी ने 101वें ओवर में मिशेल स्टार्क को ऋषभ पंत के हाथों कैच आउट कराया। स्टार्क ने 28 रन बनाए। उन्होंने कमिंस के साथ 41 रन की साझेदारी की।

नौवां विकेट: बुमराह ने पैट कमिंस को कोहली के हाथों कैच आउट कराया। कमिंस ने 28 रन बनाए।

दसवां विकेट: अश्विन ने आखिरी विकेट के रूप में जोश हेजलवुड को आउट किया। हेजलवुड ने 13 रन बनाए। लोकेश राहुल ने उनका कैच पकड़ा।

Wednesday, December 5, 2018

इन 5 वजहों से देख सकते हैं सारा-सुशांत की फिल्म

सारा अली खान और सुशांत सिंह राजपूत की फिल्म केदारनाथ 7 दिसंबर को रिलीज होने जा रही है. फिल्म से जुड़े कई विवाद ऐसे हैं जिनके चलते ये लगातार सुर्खियों में है. फिल्म की मेकिंग के वक्त भी इसके अधिकारों से जुड़ीं तमाम दिक्कतें सामने आती रहीं. फिल्म का निर्देशन अभिषेक कपूर ने किया है. इसकी कहानी 2013 में आई केदारनाथ आपदा के बैकड्रॉप में लिखी गई है.

फिल्म के ट्रेलर को यूट्यूब पर अब तक 1 करोड़ 92 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है. दर्शकों में जहां इस फिल्म को लेकर काफी एक्साइटमेंट है वहीं कुछ समूह इस फिल्म का विरोध कर रहे हैं. तो चलिए जानते हैं कि फिल्म को क्यों देखा जाना चाहिए.

सारा अली खान का डेब्यू:

सैफ अली खान और अमृता अरोड़ा की बेटी सारा अली खान इस फिल्म से अपना बॉलीवुड डेब्यू करने जा रही हैं. यह उनकी पहली फिल्म होगी. सारा इसमें सुशांत सिंह राजपूत के साथ रोमांस करती नजर आएंगी. सारा के चर्चे उनके डेब्यू से पहले हो रहे हैं, ऐसे में उनकी एक्ट‍िंग स्क‍िल देखने के लिए फैंस को इंतजार है.

सुशांत सिंह राजपूत की वापसी:

फिल्म M.S.Dhoni: The Untold Story से दर्शकों के दिलों में गहरी छाप छोड़ चुके सुशांत 2016 के बाद से कोई हिट फिल्म नहीं दे पाए हैं. साल 2017 में आई कृति सेनन स्टारर राब्ता बॉक्स ऑफिस पर फ्लॉप साबित हुई. 2018 में आई वेलकम टु न्यूयॉर्क में उनका गेस्ट अपीयरेंस था. इस तरह 2018 के अंत में आने जा रही इस फिल्म से उनके वापसी करने की उम्मीद है.

केदारनाथ की दर्दनाक दास्ता:

फिल्म में 2013 में घटी केदारनाथ की दिल दहला देने वाली दास्तां को पर्दे पर जीवंत करने का प्रयास किया गया है. जैसा ट्रेलर में नजर आ रहा है उन दृष्यों को टेक्नोलॉजी की मदद से काफी हद तक वास्तविक रूप दिया गया है. केदारनाथ में हुई त्रासदी में हजारों लोग मारे गए थे और तमाम लोगों की भावनाएं इस कहानी से जुड़ती हैं.

लव स्टोरी इमोशनल ड्रामा:

फिल्म में सारा अली खान ने एक हिंदू लड़की की भूमिका निभाई है. सुशांत सिंह राजपूत एक मुस्लिम लड़के का किरदार निभा रहे हैं. फिल्म में दोनों के बीच की प्रेम कहानी दिखाई गई है. इस प्रेम कहानी को कई लोग लव ज‍िहाद का नाम भी दे रहे हैं. फिल्म के ट्रेलर में सुशांत-सारा को लिप लॉक करते भी दिखाया है, जो कि विवादों की वजह बन रहा है.

अभिषेक कपूर का निर्देशन:

आर्यन, काय पो चे और फितूर जैसी फिल्मों का निर्देशन कर चुके अभिषेक कपूर एक बार फिर से वापसी कर रहे हैं. सुशांत जहां पहले भी काय पो चे में अभिषेक के साथ काम कर चुके हैं वहीं सारा के लिए यह पहली बार होगा कि जब वह अभिषेक के साथ काम करेंगी.

Sunday, November 18, 2018

कोर्ट में मुकरने पर 'रेप पीड़िता' से वापस लिया मुआवज़ा: प्रेस रिव्यू

ये इस तरह का पहला ऐसा मामला है, जहां कोर्ट ने ऐसा फ़ैसला सुनाया है क्योंकि पीड़िता अपने बयान पर कायम नहीं रही.

इस केस में पीड़िता ने अप्रैल 2015 में एफ़आईआर दर्ज करवाई थी. पीड़िता का आरोप था कि अभियुक्त ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में उसके माता-पिता के तैयार ना होने पर शादी से मुकर गया.

पीड़िता उस वक़्त 17 साल की थी. कोर्ट में अपने बयान में उसने कहा, ''एफ़आईआर के बाद लड़के के माता-पिता मान गए. जनवरी 2017 में शादी भी हो गई. हमारा एक बच्चा भी है.''

साथ ही पीड़िता ने कहा कि वह अपराध के वक़्त नाबालिग नहीं थी और ना ही उसके साथ रेप हुआ.

बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास हाई कोर्ट के नाम बदलने की तैयारी

दैनिक जागरण अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक़, शहरों के नाम बदलने के बाद अब बारी बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास उच्च न्यायालयों की आ सकती है.

इस बारे में सरकार संसद में नए सिरे से विधेयक लाने जा रही है. इन शहरों के नाम पहले ही बदले जा चुके हैं, लेकिन इनमें स्थित राज्यों के हाईकोर्ट के नाम शहरों के पुराने नामों के आधार पर चल रहे हैं.

लोकसभा में 19 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट (नाम में परिवर्तन) विधेयक-2016 पेश किया गया था. इसमें कलकत्ता हाईकोर्ट को कोलकाता, मद्रास को चेन्नई और बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम मुंबई हाई कोर्ट किए जाने का प्रस्ताव था.

लेकिन तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से मद्रास हाई कोर्ट का नाम 'हाई कोर्ट ऑफ़ तमिलनाडु' रखने का आग्रह किया.

इसी तरह पश्चिम बंगाल सरकार चाहती थी कि कलकत्ता हाई कोर्ट का नाम 'कोलकाता हाईकोर्ट' किया जाए. मगर कलकत्ता हाई कोर्ट अपना नाम बदलने को तैयार नहीं हुआ.

के मुताबिक़, रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है.

सूत्रों का कहना है कि सोमवार को रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के लिए सहमत हैं.

बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ इंडिपेंडेंट डायरेक्टर गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं.

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी कुछ वर्गों का दबाव होने के बावजूद इस्तीफा देने की बजाय बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों पर मज़बूती से पक्ष रख सकते हैं.

Friday, November 16, 2018

किदांबी श्रीकांत की चुनौती खत्म, जापानी शटलर केंटा से हारे

भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत को यहां हॉन्गकॉन्ग ओपन में शुक्रवार को हार का सामना करना पड़ा। चौथी वरीयता प्राप्त श्रीकांत को मेन्स सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में जापान के केंटा निशिमोतो से 17-21, 13-21 से शिकस्त खानी पड़ी। यह मुकाबला 44 मिनट तक चला। किदांबी को हराने के साथ ही केंटा ने मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

अप्रैल में एशियाई चैम्पियनशिप में केंटा को हरा चुके थे किदांबी
इस जीत के साथ ही केंटा ने किदांबी के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 1-3 का कर लिया है। इस साल अप्रैल में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में श्रीकांत ने जापानी शटलर को हराया था। केंटा ने पहले गेम से ही मुकाबले में अपना दबदबा कायम रखा।

केंटा ने किदांबी के खिलाफ पहला गेम 23 मिनट में 21-17 से जीता। दूसरे गेम में भी जापानी शटलर 11-3 से आगे थे। हालांकि, एक समय किदांबी 13-13 से स्कोर बराबर करने में कामयाब हो गए थे, लेकिन इसके बाद केंटा ने लगातार नौ अंक लेकर 21-13 से गेम और मैच जीत लिया।

छात्रों को सेंटर पर पहुंचाने में पुलिस मदद करती है
छात्र परीक्षा केंद्र तक समय पर पहुंचें, इसके लिए पुलिस उनकी मदद करती है। सड़कें खाली कराने के लिए पुलिस की गाड़ी सायरन बजाती हुई आगे चलती है। यह परीक्षा इतनी अहम है कि छात्रों के माता-पिता भी तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में वे मन की शांति के लिए बौद्ध मंदिर या चर्च जाते हैं। इस बार सुंगयुन के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन आसियान समिट में हिस्सा लेने सिंगापुर में थे। उन्होंने भी फेसबुक पर बच्चों को बेस्ट ऑफ लक का मैसेज भेजा।

छात्र कई साल करते हैं तैयारी
पहली बार सुंगयुग में बैठीं 18 साल की को युन-सूह ने कहा, ‘‘हमारे सुनहरे भविष्य का रास्ता इसी परीक्षा से खुलता है। इस एक दिन के लिए हम 12 साल तैयारी करते हैं। मैं ऐसे लोगों को भी जानती हूं जो पांच से ज्यादा बार यह परीक्षा दे चुके हैं।’’ 20 साल के ली जीन-योंग तीसरी बार परीक्षा में बैठीं। उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षा के दिन मैं छह बजे उठ जाती हूं ताकि मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हो सकूं। मैं खुद से कहती हूं- तुमने मेहनत तो काफी की है, बस अब उसे दिखाना है।’’ ली के मुताबिक, ‘‘पिछले साल जब मैं सुबह 7.30 बजे परीक्षा सेंटर पहुंची तो एक ग्रुप गाना गाकर छात्रों का उत्साह बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। गुड लक के लिए टॉफियां भी बांटी जा रही थीं।’’

Sunday, November 4, 2018

2018 में खींची गई अंतरिक्ष की सबसे खूबसूरत तस्वीरें

अभी पखवाड़े भर पहले छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर में एक 'राज दरबार' सजा था. दरबार में हज़ारों की संख्या में एक-एक कर लोग आ रहे थे और भेंट देकर जा रहे थे.

इस राज सिंहासन पर बैठे थे छत्तीसगढ़ विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीएस सिंहदेव.

असल में सिंहदेव उस राज परिवार के मुखिया हैं जिसका साम्राज्य सरगुजा के इलाके में फैला हुआ था.

देश आज़ाद हुआ, रियासतों और ज़मींदारियों का भारत में विलय हुआ और राजा-रजवाड़ों के दिन ख़त्म हो गए. बची रह गईं पुरानी परंपराएं, जिनमें से कुछ अब तक कायम हैं. जिसे साल दो साल में कभी-कभार निभाया जाता है.

सिंहदेव कहते हैं, "प्राचीन परंपरा रही है जिसमें आम जनता से मिलना-जुलना होता है. इसमें पुराने दिनों जैसी कोई बात नहीं है."

टीएस सिंहदेव पिछले दस सालों से विधायक हैं और अब तीसरी बार विधानसभा चुनाव के लिए मैदान में हैं. छत्तीसगढ़ में पार्टी के अध्यक्ष भूपेश बघेल के अलावा जिन्हें मुख्यमंत्री पद का दावेदार माना जा रहा है, उनमें टीएस सिंहदेव भी शामिल हैं.

यह कहना ठीक होगा कि राज सिंहासन भले चला गया हो, लेकिन सत्ता को बरकरार रखने की कोशिश अब भी जारी है. सिंहदेव अब किसी भी दूसरे प्रत्याशी की तरह अंबिकापुर की गलियों में लोगों से मिल रहे हैं, उनसे राज्य में कांग्रेस की सरकार बनाने की अपील कर रहे हैं.

रियासत की सियासत
आज़ादी के बाद भारत में राजा-महाराजा और ज़मींदारों के दिन भले लद गए हों, लेकिन छत्तीसगढ़ में अब भी सियासत की राजनीति इन रियासतों के आसपास ही घूमती है.

सरगुजा से लेकर बस्तर तक राजा-महाराजा आज भी राजनीति के केंद्र में बने हुए हैं.

आज़ाद भारत की चुनावी तस्वीर देखें तो पता चलता है कि छत्तीसगढ़ के कुछ एक राजाओं को छोड़ दिया जाए तो अधिकांश राजा-महाराजाओं ने कांग्रेस पार्टी का ही हाथ थामा.

मध्यप्रांत की विधानसभा में पहली बार जो लोग चुन कर पहुंचे थे, उनमें बड़ी संख्या राजाओं की थी. बाद के दिनों में जनतंत्र की तरह ही लोकतंत्र में भी रियासतों का परिवारवाद विस्तार पाता चला गया.

राजनीतिक मामलों के जानकार डॉक्टर विक्रम सिंघल कहते हैं, "महज़ राज परिवार का होने के कारण राजनीति में भी किसी को खास महत्व मिला हो, ऐसा नहीं है. छत्तीसगढ़ में अधिकांश रियासत के शासकों ने अपनी मेहनत के बल-बूते राजनीति में जगह बनाई. हां, जनता में उसका प्रभाव तो था ही."

असल में छत्तीसगढ़ में आज़ादी के समय 14 रियासतें थीं और इसी तर्ज़ पर कई ज़मींदारियां. सिंहासन जाने के फ़ौरन बाद अधिकांश रियासतों के उत्तराधिकारियों ने अपना रुख राजनीति की ओर किया और वे इस क्षेत्र में भी सफल हुए.