Friday, November 16, 2018

किदांबी श्रीकांत की चुनौती खत्म, जापानी शटलर केंटा से हारे

भारतीय पुरुष बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत को यहां हॉन्गकॉन्ग ओपन में शुक्रवार को हार का सामना करना पड़ा। चौथी वरीयता प्राप्त श्रीकांत को मेन्स सिंगल्स के क्वार्टर फाइनल में जापान के केंटा निशिमोतो से 17-21, 13-21 से शिकस्त खानी पड़ी। यह मुकाबला 44 मिनट तक चला। किदांबी को हराने के साथ ही केंटा ने मेन्स सिंगल्स के सेमीफाइनल में प्रवेश किया।

अप्रैल में एशियाई चैम्पियनशिप में केंटा को हरा चुके थे किदांबी
इस जीत के साथ ही केंटा ने किदांबी के खिलाफ अपना करियर रिकॉर्ड 1-3 का कर लिया है। इस साल अप्रैल में हुई एशियाई चैम्पियनशिप में श्रीकांत ने जापानी शटलर को हराया था। केंटा ने पहले गेम से ही मुकाबले में अपना दबदबा कायम रखा।

केंटा ने किदांबी के खिलाफ पहला गेम 23 मिनट में 21-17 से जीता। दूसरे गेम में भी जापानी शटलर 11-3 से आगे थे। हालांकि, एक समय किदांबी 13-13 से स्कोर बराबर करने में कामयाब हो गए थे, लेकिन इसके बाद केंटा ने लगातार नौ अंक लेकर 21-13 से गेम और मैच जीत लिया।

छात्रों को सेंटर पर पहुंचाने में पुलिस मदद करती है
छात्र परीक्षा केंद्र तक समय पर पहुंचें, इसके लिए पुलिस उनकी मदद करती है। सड़कें खाली कराने के लिए पुलिस की गाड़ी सायरन बजाती हुई आगे चलती है। यह परीक्षा इतनी अहम है कि छात्रों के माता-पिता भी तनाव में आ जाते हैं। ऐसे में वे मन की शांति के लिए बौद्ध मंदिर या चर्च जाते हैं। इस बार सुंगयुन के दौरान दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन आसियान समिट में हिस्सा लेने सिंगापुर में थे। उन्होंने भी फेसबुक पर बच्चों को बेस्ट ऑफ लक का मैसेज भेजा।

छात्र कई साल करते हैं तैयारी
पहली बार सुंगयुग में बैठीं 18 साल की को युन-सूह ने कहा, ‘‘हमारे सुनहरे भविष्य का रास्ता इसी परीक्षा से खुलता है। इस एक दिन के लिए हम 12 साल तैयारी करते हैं। मैं ऐसे लोगों को भी जानती हूं जो पांच से ज्यादा बार यह परीक्षा दे चुके हैं।’’ 20 साल के ली जीन-योंग तीसरी बार परीक्षा में बैठीं। उन्होंने कहा, ‘‘परीक्षा के दिन मैं छह बजे उठ जाती हूं ताकि मानसिक रूप से इसके लिए तैयार हो सकूं। मैं खुद से कहती हूं- तुमने मेहनत तो काफी की है, बस अब उसे दिखाना है।’’ ली के मुताबिक, ‘‘पिछले साल जब मैं सुबह 7.30 बजे परीक्षा सेंटर पहुंची तो एक ग्रुप गाना गाकर छात्रों का उत्साह बढ़ाने की कोशिश कर रहा था। गुड लक के लिए टॉफियां भी बांटी जा रही थीं।’’

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