Sunday, November 18, 2018

कोर्ट में मुकरने पर 'रेप पीड़िता' से वापस लिया मुआवज़ा: प्रेस रिव्यू

ये इस तरह का पहला ऐसा मामला है, जहां कोर्ट ने ऐसा फ़ैसला सुनाया है क्योंकि पीड़िता अपने बयान पर कायम नहीं रही.

इस केस में पीड़िता ने अप्रैल 2015 में एफ़आईआर दर्ज करवाई थी. पीड़िता का आरोप था कि अभियुक्त ने शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाए और बाद में उसके माता-पिता के तैयार ना होने पर शादी से मुकर गया.

पीड़िता उस वक़्त 17 साल की थी. कोर्ट में अपने बयान में उसने कहा, ''एफ़आईआर के बाद लड़के के माता-पिता मान गए. जनवरी 2017 में शादी भी हो गई. हमारा एक बच्चा भी है.''

साथ ही पीड़िता ने कहा कि वह अपराध के वक़्त नाबालिग नहीं थी और ना ही उसके साथ रेप हुआ.

बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास हाई कोर्ट के नाम बदलने की तैयारी

दैनिक जागरण अख़बार में छपी ख़बर के मुताबिक़, शहरों के नाम बदलने के बाद अब बारी बॉम्बे, कलकत्ता और मद्रास उच्च न्यायालयों की आ सकती है.

इस बारे में सरकार संसद में नए सिरे से विधेयक लाने जा रही है. इन शहरों के नाम पहले ही बदले जा चुके हैं, लेकिन इनमें स्थित राज्यों के हाईकोर्ट के नाम शहरों के पुराने नामों के आधार पर चल रहे हैं.

लोकसभा में 19 जुलाई 2016 को हाईकोर्ट (नाम में परिवर्तन) विधेयक-2016 पेश किया गया था. इसमें कलकत्ता हाईकोर्ट को कोलकाता, मद्रास को चेन्नई और बॉम्बे हाईकोर्ट का नाम मुंबई हाई कोर्ट किए जाने का प्रस्ताव था.

लेकिन तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से मद्रास हाई कोर्ट का नाम 'हाई कोर्ट ऑफ़ तमिलनाडु' रखने का आग्रह किया.

इसी तरह पश्चिम बंगाल सरकार चाहती थी कि कलकत्ता हाई कोर्ट का नाम 'कोलकाता हाईकोर्ट' किया जाए. मगर कलकत्ता हाई कोर्ट अपना नाम बदलने को तैयार नहीं हुआ.

के मुताबिक़, रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच जारी खींचतान पर सोमवार को होने वाली बैठक में विराम लग सकता है.

सूत्रों का कहना है कि सोमवार को रिजर्व बैंक के बोर्ड ऑफ़ डायरेक्टर्स की होने वाली बैठक में दोनों पक्ष कुछ मुद्दों पर आपसी सहमति पर पहुंचने के लिए सहमत हैं.

बैठक में वित्त मंत्रालय के नामित निदेशक और कुछ इंडिपेंडेंट डायरेक्टर गवर्नर उर्जित पटेल और उनकी टीम पर एमएसएमई को कर्ज से लेकर केंद्रीय बैंक के पास उपलब्ध कोष को लेकर अपनी बात रख सकते हैं.

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल भी कुछ वर्गों का दबाव होने के बावजूद इस्तीफा देने की बजाय बैठक में केंद्रीय बैंक की नीतियों पर मज़बूती से पक्ष रख सकते हैं.

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