Monday, March 25, 2019

अजीम प्रेमजी के परोपकार से बिल गेट्स हुए प्रेरित, कहा- इसका बड़ा असर होगा

वॉशिंगटन. अजीम प्रेमजी के परोपकार के कामों से दुनिया के सबसे बड़े दानदाताओं में शुमार बिल गेट्स भी प्रेरित हैं। माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर गेट्स ने ट्वीट कर ऐसा कहा है। उन्होंने कहा कि प्रेमजी का योगदान काफी असरदार साबित होगा। प्रेमजी ने पिछले दिनों विप्रो में अपनी शेयरहोल्डिंग का अतिरिक्त 34% परोपकार के लिए देने का ऐलान किया था। रकम के लिहाज से यह 52,750 करोड़ रुपए होते हैं।

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से 5 साल में 150 एनजीओ को फंड मिला
प्रेमजी देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन हैं। वह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए परोपकार के काम करते हैं। इसमें वह अब तक 1.45 लाख करोड़ रुपए दे चुके हैं। दिसंबर 2018 में विप्रो में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 74.3% थी।

समाजसेवा के लिए बनाया गया अजीज प्रेमजी फाउंडेशन मुख्यत: शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसका लक्ष्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम को बेहतर बनाना है। फाउंडेशन इस क्षेत्र में काम करने वाले कई एनजीओ को आर्थिक मदद भी देता है।

अजीज प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है। वंचित तबकों के लिए काम कर रहे 150 से ज्यादा एनजीओ को 5 साल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से फंड मिला है। अभी करीब 1600 लोग इसके लिए फील्ड वर्क कर रहे हैं।

यह फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है। जल्द ही इस यूनिवर्सिटी को 5 हजार छात्रों और 400 शिक्षकों की क्षमता वाला बनाया जाएगा। इसके बाद उत्तर भारत में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है।

बैरा (मोजाम्बिक). तीन अफ्रीकी देशों में इदाई तूफान से मरने वालों की तादाद 10 दिनों में 750 तक पहुंच चुकी है। मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे और मालावी में बिजली और पानी की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हैजा-मलेरिया जैसी बीमारियां अब हमारे सामने नई चुनौती हैं।

मोजाम्बिक में 1000 तक पहुंच सकती है मरने वालों की तादाद
मोजाम्बिक में 446, जिम्बाब्वे में 259 और मालावी में 56 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मोजाम्बिक के पर्यावरण मंत्री सेल्सो कोरेया ने कहा कि मौतों का आंकड़ा शुरुआती है। जलस्तर घटेगा तो और शव बरामद होंगे। तब यह आंकड़ा 1000 तक पहुंच सकता है।

सेल्सो ने बताया कि अभी 1.10 लाख लोग कैंपों में रह रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का काम धीमा पड़ा है क्योंकि राहतकर्मी संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने के उपाय कर रहे हैं। हैजा और मलेरिया फैल रहा है। इसे रोक पाने में मुश्किलें आ रही हैं।

मोजाम्बिक के बैरा और डोंडो शहरों में पानी की व्यवस्था बहाल हो गई है और लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराया जा रहा है। बैरा के इलाकों और कुछ दूसरी जगहों पर रेलवे लाइनें दोबारा खोली गई हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में सड़क व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। इसके चलते दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें प्रभावित लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। सेल्सों ने कहा कि हमारा फोकस अभी लोगों की जान बचाने पर है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार अभियान के डिप्टी डायरेक्टर रोड्स स्टैम्पा ने कहा- दो बड़े फील्ड हॉस्पिटल और वाॅटर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगातार काम कर रहे हैं। ड्रोन से भी प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।

स्टैम्पा ने बताया कि यह आपदा असाधारण है। ये केवल बाढ़ की वजह से नहीं है। पहले हुई बारिश की वजह से भी यहां समस्याएं थीं। ऐसे हालात में कोई भी सरकार अकेले सबकुछ ठीक नहीं कर सकती।

Monday, March 18, 2019

मायावती को प्रियंका गांधी की दो टूक- कोई कन्फ्यूजन नहीं, BJP के खिलाफ है लड़ाई

लोकसभा चुनाव 2019 के लिए उत्तर प्रदेश में चुनावी माहौल हर दिन दिलचस्प मोड़ ले रहा है. महागठबंधन से आउट कांग्रेस की दरियादिली भी बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती को रास नहीं आ रही है. उन्होंने साफ कह दिया है कि भारतीय जनता पार्टी को परास्त करने के लिए सपा-बसपा का गठबंधन काफी है, ऐसे में कांग्रेस जबरदस्ती सीट छोड़ने का भ्रम न फैलाए. मायावती के इस रुख का सपा ने भी समर्थन किया है, जिसपर कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने दो टूक अंदाज में जवाब दिया है.

प्रयागराज से वाराणसी तक बोट यात्रा कर रहीं प्रियंका गांधी ने कहा है कि हमारे अंदर किसी प्रकार का कोई कन्फ्यूजन नहीं है, हम भारतीय जनता पार्टी के खिलाफ लड़ रहे हैं. दरअसल, मायावती ने कहा है कि यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी का गठबंधन है, ऐसे में कांग्रेस कोई भ्रम पैदा न करे. मायावती के इस बयान का समर्थन करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को नसीहत दी है.

कांग्रेस ने किया था 7 सीटों पर न लड़ने का ऐलान

बसपा सुप्रीमो का यह बयान कांग्रेस के उस ऐलान के बाद सामने आया था, जिसमें रविवार को कांग्रेस ने समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और राष्ट्रीय लोकदल के लिए सात सीटें छोड़ने का ऐलान किया था. यानी कांग्रेस इन सात सीटों पर अपने उम्मीदवार नहीं उतारेगी. ये वोट सीटे होंगी, जहां से अखिलेश यादव, मायावती, मुलायम सिंह यादव, डिंपल यादव, चौधरी अजित सिंह व जयंत चौधरी चुनाव लड़ेंगे.

कांग्रेस के इस ऑफर पर ही मायावती ने सख्त रुख अपनाया है. उन्होंने तस्वीर बिल्कल साफ करते हुए कह दिया कि कांग्रेस से किसी भी प्रकार का गठबंधन व तालमेल नहीं है. मायावती को समर्थन करते हुए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी कांग्रेस को नसीहत दे डाली. अखिलेश ने ट्वीट किया, 'यूपी में एसपी, बीएसपी और आरएलडी का गठबंधन भाजपा को हराने में सक्षम है. कांग्रेस पार्टी किसी तरह का कन्फ्यूजन ना पैदा करे.

इससे पहले मायावती ने ट्वीट कर लिखा, 'बीएसपी एक बार फिर साफ तौर पर स्पष्ट कर देना चाहती है कि उत्तर प्रदेश सहित पूरे देश में कांग्रेस पार्टी से हमारा कोई भी किसी भी प्रकार का तालमेल व गठबंधन आदि बिल्कुल भी नहीं है. हमारे लोग कांग्रेस पार्टी द्वारा आये दिन फैलाये जा रहे किस्म-किस्म के भ्रम में कतई ना आयें.'

इसके अलावा मायावती ने कांग्रेस को यूपी की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ने की चुनौती भी दे दी. मायावती ने अपने ट्वीट में लिख दिया कि यूपी में हमारा गठबंधन अकेले बीजेपी को पराजित करने में पूरी तरह से सक्षम है. कांग्रेस जबरदस्ती यूपी में गठबंधन के लिए 7 सीटें छोड़ने की भ्रान्ति ना फैलाये. उन्होंने कहा कि कांग्रेस यूपी में पूरी तरह आजाद है और वह सभी 80 सीटों पर उम्मीदवार उतारकर चुनाव लड़े.

यूपी लोकसभा चुनाव में सपा-बसपा और आरएलडी मिलकर चुनाव लड़ रही हैं. बसपा 38 और सपा 37 सीटों पर गठबंधन में चुनाव लड़ रही है. जबकि दो सीटें कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी (अमेठी) व उनकी मां सोनिया गांधी (रायबरेली) के लिए छोड़ी गई हैं. इसके अलावा बाकी बची तीन सीटें आरएलडी को दी गई हैं.

Friday, March 15, 2019

अगर सपा की इस दुखती रग पर रखा कांग्रेस ने हाथ तो अमेठी-रायबरेली में उतरेंगे कैंडिडेट

कांग्रेस महासचिव और पूर्वी उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी का दलित नेता व भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर से मुलाकात करना कई लोगों की नजर में प्रियंका का यह कदम बसपा की दुखती रग पर हाथ रखने जैसा था. इस मुलाकात के बाद बसपा प्रमुख मायावती ने अमेठी और रायबरेली में कांग्रेस के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का मन बना लिया था, लेकिन बाद में गठबंधन ने इस फैसले को फिलहाल के लिए टाल दिया है. हालांकि, सपा-बसपा ने तय कर लिया है कि अगर अब कांग्रेस ने दूसरी दुखती रग 'शिवपाल यादव' पर कांग्रेस ने हाथ रखा तो अमेठी-रायबरेली दोनों सीटों पर गठबंधन चुनाव लड़ने का कदम उठा सकता है.

बता दें कि प्रियंका गांधी वाड्रा के दलित नेता चंद्रशेखर आजाद से बुधवार को मिलने के फौरन बाद मायावती और अखिलेश यादव की अचानक हुई बैठक ने कांग्रेस के लिए खतरे की घंटी बजा दी थी. नाराज मायावती अमेठी और रायबरेली में अपने उम्मीदवार उतारकर इसका बदला लेना चाहती थी, लेकिन फिलहाल गठबंधन अभी पुराने फॉर्मूले पर ही चुनाव लड़ेगा.

अखिलेश और मायावती के बीच हुई मीटिंग में यह बात भी तय हुई कि फिलहाल कांग्रेस को 2 सीटों के साथ गठबंधन का हिस्सा ही कहा जाए. लेकिन सपा-बसपा गठबंधन ने कांग्रेस के अगले कदमों को लेकर सतर्क है और उसने वेट एंड वॉच की रणनीति अपना रखी है. सपा सूत्रों ने बताया कि अगर कांग्रेस पार्टी ने शिवपाल यादव से किसी भी तरह का गठबंधन करने का फैसला करती है तो अमेठी और रायबरेली की संसदीय सीटों पर राहुल गांधी-सोनिया गांधी के खिलाफ उम्मीदवार उतारने के अलावा कोई और विकल्प नहीं बचेगा.

इसका मतलब साफ है कि प्रियंका गांधी ने चंद्रशेखर से मिलकर बसपा के दुखती रग पर हाथ रखा दिया था. ऐसे में कांग्रेस ने शिवपाल यादव के साथ गठबंधन किया तो अमेठी और रायबरेली में भी कांग्रेस को गठबंधन के उम्मीदवार झेलने होंगे. दरअसल, अमेठी और रायबरेली कांग्रेस का सबसे मजबूत गढ़ रहा है. इस बार के चुनाव में अमेठी में बीजेपी ने अपनी पूरी ताकत झोंक रखी है.

ऐसे में सपा-बसपा को मालूम है वहां कांग्रेस पार्टी रिस्क लेने की जहमत नहीं उठा सकती है. पार्टी के नेताओं के मुताबिक यह कोई ब्लैकमेल नहीं बल्कि रणनीति का हिस्सा है और पार्टी ने फिलहाल कांग्रेस को ज्यादा तवज्जो नही देने की रणनीति बना रखी है.

प्रोफेसर महापात्रा का कहना है कि न्यूजीलैंड में बड़ी संख्या में भारतीय और एशियाई आबादी रहती है. इसके साथ ही ब्रिटिश मूल के लोग भी वहां काफी संख्या में हैं. ध्यान देने वाली बात यह है कि हमलावर ने मस्जिद में घटना को अंजाम दिया है. अगर वो अन्य एशियाई देशों के अप्रवासियों के खिलाफ होता तो किसी मार्केट या अन्य सार्वजनिक जगह पर जाकर गोलियां चला सकता था. लेकिन उसने खासतौर पर एक धर्म विशेष के लोगों को ही निशाना बनाया है लिहाजा माना जा सकता है कि वो इस्लामी चरमपंथ के खिलाफ हो.

न्यूजीलैंड के हमलावर ने अपने मैनीफेस्टो में लिखा है कि यूरोपीय लोगों की संख्या हर रोज कम होने के साथ वे बूढ़े और कमजोर हो रहे हैं. उसका कहना है कि हमारी फर्टिलिटी रेट कम है, लेकिन बाहर से आए अप्रवासियों की फर्टिलिटी रेट ज्यादा है लिहाजा एक दिन ये लोग श्वेत लोगों से उनकी भूमि छीन लेंगे. ठीक इसी तरह ही व्हाइट सुप्रीमैसिस्ट संगठन भी दावा करते हैं कि वे अप्रवासियों और जातीय अल्पसंख्यकों द्वारा खड़ी की गई आर्थिक और सांस्कृतिक खतरों से अपनी आजीविका को संरक्षित करके औसत मेहनती यूरोपीय लोगों की रक्षा करने का प्रयास कर रहे हैं.

प्रो. चितामणी महापात्रा का कहना है कि आम तौर पर देखा गया है कि जब इन देशों की आर्थिक स्थिति अच्छी रहती है तो इस तरह की घटनाएं नहीं होती. लेकिन ब्रेक्जिट के बाद यूरोपीय देशों की अर्थव्यवस्था में अनिश्चितता आने के साथ ही वैश्विक स्तर पर मंदी का दौर चल रहा है. इसलिए इस तरह के हमले का कारण सांस्कृतिक और आर्थिक अनिश्चितता हो सकता है.

यूरोप में कई घोर दक्षिणपंथी दलों ने अप्रवासी विरोधी और विशेष रूप से मुस्लिम-विरोधी जेनोफोबिया (विदेशी लोगों को नापसंद करना) को अपनी पार्टी के प्लेटफार्म पर नैतिक-राष्ट्रवाद की अवधारणा के माध्यम से प्रभावित किया है. इनका विचार है कि एक राष्ट्र को एक जातीयता से बनाया जाना चाहिए. ये दल बहुसंस्कृतिवाद को मूल राष्ट्रीय पहचान के विनाश के लिए एक कोड़ के रूप में देखते हैं.

Monday, March 11, 2019

Mi A2 और Redmi Note 6 Pro की कीमत भारत में घटी, जानें नई कीमत

चीनी स्मार्टफोन कंपनी शाओमी ने भारत में अपने दो स्मार्टफोन्स की कीमतों में कटौती की घोषणा की है. शाओमी के वाइस प्रेसिडेंट और इंडिया हेड मनु कुमार जैन ने ट्विटर के जरिए कंपनी के दो स्मार्टफोन्स Mi A2 और Redmi Note 6 Pro की कीमतों में कटौती की जानकारी दी है.

शाओमी Mi A2 अब 11,999 रुपये की शुरुआती कीमत में उपलब्ध है. यानी इसके बेस वेरिएंट 4GB रैम और 64GB स्टोरेज में 2,000 रुपये की कटौती की गई है. ग्राहक नई कीमत में स्मार्टफोन को शाओमी इंडिया ऑनलाइन स्टोर, अमेजन इंडिया वेबसाइट और ऑफलाइन एमआई स्टोर्स से खरीद पाएंगे. ग्राहक ध्यान रखें 6GB रैम और 128 स्टोरेज वेरिएंट की कीमत में कोई कटौती नहीं की गई है और ये अभी भी पुरानी कीमत 15,999 रुपये में उपलब्ध है. इस हैंडसेट को पिछले साल अगस्त के महीने में 16,999 रुपये की शुरुआती कीमत में लॉन्च किया गया था. 

इस स्मार्टफोन की खूबियों की बात करें तो Mi A2 5.99-इंच की स्क्रीन दी गई है. ये स्मार्टफोन ऑक्टा कोर क्वॉल्कॉम स्नैपड्रैगन 660 प्रोसेसर पर चलता है. फोटोग्राफी के लिए इसके रियर में 20 मेगापिक्सल और 12 मेगापिक्सल के दो कैमरे दिए गए हैं. वहीं सेल्फी के लिए इसमें 20 मेगापिक्सल का कैमरा दिया गया है.

दूसरे स्मार्टफोन Redmi Note 6 Pro की बात करें तो ये ग्राहकों के लिए 11,999 रुपये की शुरुआती कीमत में उपलब्ध होगा. इसके भी 4GB रैम और 64GB स्टोरेज में 2,000 रुपये की कटौती की गई है. और Mi A2 की ही तरह इस स्मार्टफोन के दूसरे वेरिएंट 6GB रैम और 64GB स्टोरेज की कीमत में कोई कटौती नहीं की गई है. इसकी कीमत 15,999 रुपये ही है.

इस स्मार्टफोन के स्पेसिफिकेशन्स की बात करें तो इसमें 19:9 रेश्यो और 1080x2280 पिक्सल रिजोल्यूशन के साथ 6.26-इंच फुल HD + डिस्प्ले मिलता है. यहां 4GB/6GB रैम के साथ ऑक्टा-कोर क्वॉलकॉम स्नैपड्रैगन 636 प्रोसेसर दिया गया है. फोटोग्राफी के लिए इसके बैक में 12 मेगापिक्सल और 5 मेगापिक्सल के दो कैमरे दिए गए हैं. वहीं सेल्फी के लिए यहां 20 मेगापिक्सल और 2 मेगापिक्सल के दो कैमरे मौजूद हैं. इसकी बैटरी 4000mAh की है.

ऑस्ट्रेलिया के पूर्व सलामी बल्लेबाज मैथ्यू हेडन का मानना है कि ‘शेन वॉर्न की तरह के ड्रिफ्ट’ के कारण कुलदीप यादव का सामना करना युजवेंद्र चहल की तुलना में अधिक मुश्किल है. कुलदीप और चहल ने छोटे प्रारूप में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाजों को परेशान किया है.

इस बारे में पूछने पर हेडन ने पीटीआई से कहा, ‘लेग स्पिनर आपको विकल्प और विविधता देते हैं. विशेष तौर पर अगर आप कुलदीप को देखें, तो उनका मजबूत पक्ष यह नहीं है कि वह गेंद को कितना अधिक स्पिन करा सकते हैं, बल्कि यह है कि उनकी गेंदें शेन वॉर्न की गेंदों की तरह बल्लेबाज तक पहुंचती हैं.’

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अपने शीर्ष समय के दौरान हरभजन सिंह और अनिल कुंबले के खिलाफ काफी सफल रहे हेडन का हालांकि मानना है कि चहल का सामना किया जा सकता है. उन्होंने कहा, ‘चहल अलग तरह के गेंदबाज हैं. वह स्टंप पर गेंदबाजी करते हैं. वह सपाट और सीधी गेंद फेंकते हैं. उन्हें ड्रिफ्ट नहीं मिलता. अगर मैं खिलाड़ी होता, तो मैं चहल का सामना करने को प्राथमिकता देता, क्योंकि उन्हें ड्रिफ्ट नहीं मिलता.’

Tuesday, March 5, 2019

जब इमरान खान बोलते दिखे- हां, हमने किया पुलवामा हमला!

भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का वो वीडियो तो आपको याद ही होगा जिसे पाकिस्तान ने कई बार एडिट किया. इस वीडियो में पाकिस्तानी सेना ने जबरन उनसे भारतीय मीडिया की बुराई करवाई. अब पाकिस्तान को भारत के ट्विटर के यूजर्स ने जवाब दिया है. कुछ ट्विटर यूजर्स ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का वीडियो एडिट किया है, जिसमें वह कबूल रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमला पाकिस्तान ने ही किया है.

हालांकि, साफ दिख रहा है कि ये वीडियो एडिट है. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह की हरकत अभिनंदन के वीडियो के साथ की, उसका इस तरह का जवाब सोशल मीडिया वालों को काफी पसंद आ रहा है.

एडिट किए हुए वीडियो में इमरान खान कह रहे हैं, ‘‘...इतने में पुलवामा हो गया, जो पाकिस्तान ने करवाया. मैंने भारत को कहा अगर आप हमें सबूत देंगे तो हम नहीं लेंगे... हमने पाकिस्तान के अंदर दहशतगर्दों को अपनी जमीन को इस्तेमाल करने देगा. जो भी हमारे मसले होंगे हम दहशतगर्दी के जरिए हल करेंगे…’’

ट्विटर अकाउंट यूजर @erbmjha ने इस वीडियो को दो मार्च को ट्वीट किया. जिसे तीन लाख से अधिक बार देखा जा चुका है. कई हजार बार ये वीडियो रिट्वीट भी किया जा चुका है. कई यूजर्स ने इस वीडियो पर मजे भी लिए हैं.

आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के कुछ वीडियो जारी किए थे. इसमें उन्होंने पाकिस्तानी सेना की तारीफ की थी और कहा था कि भारत की मीडिया हर बात को बड़ा चढ़ाकर पेश करती है. करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में करीब 20 कट्स थे.

तब भी पाकिस्तान के इस वीडियो का तब भी भारत के लोगों ने कड़ा जवाब दिया था. भारत सरकार की ओर से भी पाकिस्तानी करतूत की आलोचना की गई थी.

आखिर क्या है जैश-अल-अदल?

पाकिस्तान की पनाह में बैठकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ साजिश रचता है. ऐसा ही एक पाक परस्त आतंकी संगठन ईरान में भी सक्रिय है, जिसका नाम है जैश-अल-अदल. ये पाकिस्तान के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सलाफ़ी जिहादी आतंकवादी संगठन है. जो ईरान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अपने किले को दुरुस्त करने में जुट गई है. प्रदेश में  दो दशक के बाद पहली बार आदिवासी वोट बैंक बीजेपी के हाथों से फिसला है. ऐसे में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूबे के धार में रैली के जरिए आदिवासियों को साधने के लिए आज उतर रहे हैं.

एमपी में आदिवासी राजनीति

 मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की आबादी करीब 23 फीसदी है. प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें शहडोल, मंडला, बैतूल, खरगोन, धार और रतलाम शामिल है. 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी छह सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, लेकिन रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से ये सीट छीन ली.

बीजेपी से छिटक रहा आदिवासी

मध्य प्रदेश में आदिवासी मतदाता बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते थे, लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस वोटबैंक में सेंधमारी में कामयाब रही है. अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीटों पर बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मध्य प्रदेश के मालवा से लेकर महाकौशल इलाके तक में बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में अगर यही वोटिंग पैटर्न रहा तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए अपने किले को संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा.