Tuesday, March 5, 2019

जब इमरान खान बोलते दिखे- हां, हमने किया पुलवामा हमला!

भारत के विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान का वो वीडियो तो आपको याद ही होगा जिसे पाकिस्तान ने कई बार एडिट किया. इस वीडियो में पाकिस्तानी सेना ने जबरन उनसे भारतीय मीडिया की बुराई करवाई. अब पाकिस्तान को भारत के ट्विटर के यूजर्स ने जवाब दिया है. कुछ ट्विटर यूजर्स ने पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का वीडियो एडिट किया है, जिसमें वह कबूल रहे हैं कि पुलवामा आतंकी हमला पाकिस्तान ने ही किया है.

हालांकि, साफ दिख रहा है कि ये वीडियो एडिट है. लेकिन पाकिस्तानी सेना ने जिस तरह की हरकत अभिनंदन के वीडियो के साथ की, उसका इस तरह का जवाब सोशल मीडिया वालों को काफी पसंद आ रहा है.

एडिट किए हुए वीडियो में इमरान खान कह रहे हैं, ‘‘...इतने में पुलवामा हो गया, जो पाकिस्तान ने करवाया. मैंने भारत को कहा अगर आप हमें सबूत देंगे तो हम नहीं लेंगे... हमने पाकिस्तान के अंदर दहशतगर्दों को अपनी जमीन को इस्तेमाल करने देगा. जो भी हमारे मसले होंगे हम दहशतगर्दी के जरिए हल करेंगे…’’

ट्विटर अकाउंट यूजर @erbmjha ने इस वीडियो को दो मार्च को ट्वीट किया. जिसे तीन लाख से अधिक बार देखा जा चुका है. कई हजार बार ये वीडियो रिट्वीट भी किया जा चुका है. कई यूजर्स ने इस वीडियो पर मजे भी लिए हैं.

आपको बता दें कि पाकिस्तान की सेना ने विंग कमांडर अभिनंदन वर्धमान के कुछ वीडियो जारी किए थे. इसमें उन्होंने पाकिस्तानी सेना की तारीफ की थी और कहा था कि भारत की मीडिया हर बात को बड़ा चढ़ाकर पेश करती है. करीब डेढ़ मिनट के वीडियो में करीब 20 कट्स थे.

तब भी पाकिस्तान के इस वीडियो का तब भी भारत के लोगों ने कड़ा जवाब दिया था. भारत सरकार की ओर से भी पाकिस्तानी करतूत की आलोचना की गई थी.

आखिर क्या है जैश-अल-अदल?

पाकिस्तान की पनाह में बैठकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद भारत के खिलाफ साजिश रचता है. ऐसा ही एक पाक परस्त आतंकी संगठन ईरान में भी सक्रिय है, जिसका नाम है जैश-अल-अदल. ये पाकिस्तान के सिस्तान बलूचिस्तान प्रांत में सक्रिय एक सलाफ़ी जिहादी आतंकवादी संगठन है. जो ईरान में कई हमलों को अंजाम दे चुका है.

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में हार से सबक लेते हुए भारतीय जनता पार्टी लोकसभा चुनाव से ऐन पहले अपने किले को दुरुस्त करने में जुट गई है. प्रदेश में  दो दशक के बाद पहली बार आदिवासी वोट बैंक बीजेपी के हाथों से फिसला है. ऐसे में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित लोकसभा सीटों पर बीजेपी को कड़ी चुनौती मिल रही है. ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सूबे के धार में रैली के जरिए आदिवासियों को साधने के लिए आज उतर रहे हैं.

एमपी में आदिवासी राजनीति

 मध्य प्रदेश में अनुसूचित जनजाति (एसटी) वर्ग की आबादी करीब 23 फीसदी है. प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से छह सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं, जिनमें शहडोल, मंडला, बैतूल, खरगोन, धार और रतलाम शामिल है. 2014 के लोकसभा चुनाव में सभी छह सीटों पर बीजेपी को जीत मिली थी, लेकिन रतलाम सीट पर हुए उपचुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी से ये सीट छीन ली.

बीजेपी से छिटक रहा आदिवासी

मध्य प्रदेश में आदिवासी मतदाता बीजेपी के परंपरागत वोटर माने जाते थे, लेकिन हाल ही में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस इस वोटबैंक में सेंधमारी में कामयाब रही है. अनुसूचित जनजाति के लिए सुरक्षित सीटों पर बीजेपी को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. मध्य प्रदेश के मालवा से लेकर महाकौशल इलाके तक में बीजेपी को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा था. ऐसे में अगर यही वोटिंग पैटर्न रहा तो 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के लिए अपने किले को संभाल पाना मुश्किल हो जाएगा.

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