Monday, March 25, 2019

अजीम प्रेमजी के परोपकार से बिल गेट्स हुए प्रेरित, कहा- इसका बड़ा असर होगा

वॉशिंगटन. अजीम प्रेमजी के परोपकार के कामों से दुनिया के सबसे बड़े दानदाताओं में शुमार बिल गेट्स भी प्रेरित हैं। माइक्रोसॉफ्ट के फाउंडर गेट्स ने ट्वीट कर ऐसा कहा है। उन्होंने कहा कि प्रेमजी का योगदान काफी असरदार साबित होगा। प्रेमजी ने पिछले दिनों विप्रो में अपनी शेयरहोल्डिंग का अतिरिक्त 34% परोपकार के लिए देने का ऐलान किया था। रकम के लिहाज से यह 52,750 करोड़ रुपए होते हैं।

अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से 5 साल में 150 एनजीओ को फंड मिला
प्रेमजी देश की तीसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी विप्रो के चेयरमैन हैं। वह अजीम प्रेमजी फाउंडेशन के जरिए परोपकार के काम करते हैं। इसमें वह अब तक 1.45 लाख करोड़ रुपए दे चुके हैं। दिसंबर 2018 में विप्रो में प्रमोटर समूह की हिस्सेदारी 74.3% थी।

समाजसेवा के लिए बनाया गया अजीज प्रेमजी फाउंडेशन मुख्यत: शिक्षा के क्षेत्र में काम करता है। इसका लक्ष्य पब्लिक स्कूलिंग सिस्टम को बेहतर बनाना है। फाउंडेशन इस क्षेत्र में काम करने वाले कई एनजीओ को आर्थिक मदद भी देता है।

अजीज प्रेमजी फाउंडेशन कर्नाटक, उत्तराखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, पुडुचेरी, तेलंगाना, मध्य प्रदेश और उत्तर-पूर्वी राज्यों में सक्रिय है। वंचित तबकों के लिए काम कर रहे 150 से ज्यादा एनजीओ को 5 साल में अजीम प्रेमजी फाउंडेशन से फंड मिला है। अभी करीब 1600 लोग इसके लिए फील्ड वर्क कर रहे हैं।

यह फाउंडेशन बेंगलुरू में अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी भी चलाता है। जल्द ही इस यूनिवर्सिटी को 5 हजार छात्रों और 400 शिक्षकों की क्षमता वाला बनाया जाएगा। इसके बाद उत्तर भारत में भी एक यूनिवर्सिटी खोलने की योजना है।

बैरा (मोजाम्बिक). तीन अफ्रीकी देशों में इदाई तूफान से मरने वालों की तादाद 10 दिनों में 750 तक पहुंच चुकी है। मोजाम्बिक, जिम्बाब्वे और मालावी में बिजली और पानी की व्यवस्थाएं दुरुस्त करने का काम चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि हैजा-मलेरिया जैसी बीमारियां अब हमारे सामने नई चुनौती हैं।

मोजाम्बिक में 1000 तक पहुंच सकती है मरने वालों की तादाद
मोजाम्बिक में 446, जिम्बाब्वे में 259 और मालावी में 56 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। मोजाम्बिक के पर्यावरण मंत्री सेल्सो कोरेया ने कहा कि मौतों का आंकड़ा शुरुआती है। जलस्तर घटेगा तो और शव बरामद होंगे। तब यह आंकड़ा 1000 तक पहुंच सकता है।

सेल्सो ने बताया कि अभी 1.10 लाख लोग कैंपों में रह रहे हैं। बाढ़ में फंसे लोगों को बचाने का काम धीमा पड़ा है क्योंकि राहतकर्मी संक्रामक बीमारियों को फैलने से रोकने के उपाय कर रहे हैं। हैजा और मलेरिया फैल रहा है। इसे रोक पाने में मुश्किलें आ रही हैं।

मोजाम्बिक के बैरा और डोंडो शहरों में पानी की व्यवस्था बहाल हो गई है और लोगों को पीने के लिए साफ पानी मुहैया कराया जा रहा है। बैरा के इलाकों और कुछ दूसरी जगहों पर रेलवे लाइनें दोबारा खोली गई हैं।

उन्होंने बताया कि कुछ इलाकों में सड़क व्यवस्था में भी सुधार हुआ है। इसके चलते दवाएं और दूसरी जरूरी चीजें प्रभावित लोगों तक पहुंचाई जा रही हैं। सेल्सों ने कहा कि हमारा फोकस अभी लोगों की जान बचाने पर है।

संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार अभियान के डिप्टी डायरेक्टर रोड्स स्टैम्पा ने कहा- दो बड़े फील्ड हॉस्पिटल और वाॅटर प्यूरीफिकेशन सिस्टम लगातार काम कर रहे हैं। ड्रोन से भी प्रभावित इलाकों पर नजर रखी जा रही है। प्रभावितों तक मदद पहुंचाने के प्रयास जारी हैं।

स्टैम्पा ने बताया कि यह आपदा असाधारण है। ये केवल बाढ़ की वजह से नहीं है। पहले हुई बारिश की वजह से भी यहां समस्याएं थीं। ऐसे हालात में कोई भी सरकार अकेले सबकुछ ठीक नहीं कर सकती।

No comments:

Post a Comment