Friday, April 19, 2019

मोदी पर इमरान का बयान: राम माधव ने कहा- भारत के चुनावों से दूर रहे पाक, सलाह नहीं चाहिए

नई दिल्ली. पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की ओर से पिछले हफ्ते नरेंद्र मोदी को लेकर दिए गए बयान पर अब भाजपा महासचिव राम माधव ने जवाबी हमला किया है। उन्होंने कहा कि बेहतर होगा कि इमरान खान भारतीय चुनावों से दूर ही रहें। इससे पहले रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने भी इमरान के बयान पर कहा था कि हो सकता है यह कांग्रेस की साजिश हो।

इमरान ने कहा था, ‘‘अगर भाजपा सत्ता में आई तो कश्मीर मुद्दे का कोई हल निकल सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर भारत में अगली सरकार कांग्रेस की अगुआई में बनी तो वह पाक के साथ कश्मीर मुद्दे को हल करने से पीछे हट सकती है।’’

राम माधव ने गुरुवार को न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘‘भारत का प्रधानमंत्री कौन होगा और कौन नहीं, इसका फैसला भारत के निवासी करेंगे। हम बहुत बुद्धिमान हैं और हमें सरहद पार के लोगों से किसी सलाह की जरूरत नहीं है। जब हम दोबारा सत्ता में आएंगे तो हमें पता है कि पड़ोसियों से कैसा व्यवहार करना है। हमें सरहद पार से किसी तरह के सुझाव या समाधान की कोई जरूरत नहीं है।’’

सीतारमण ने जताई थी कांग्रेस की साजिश की आशंका
इससे पहले सीतारमण ने एएनआई से बातचीत में कहा था, ‘‘कांग्रेस में ऐसे कई नेता हैं जो वहां (पाकिस्तान) जाते रहते हैं और प्रधानमंत्री मोदी को हटाने के लिए मदद मांगते रहते हैं। हो सकता है कि इमरान के इस बयान के पीछे कोई साजिश हो।’’

कांग्रेस ने कहा था- पाकिस्तान मोदी के साथ
उधर, इमरान के बयान पर कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट कर कहा था, ‘‘पाकिस्तान आधिकारिक तौर पर मोदी के साथ हो गया है। मोदी को वोट करने का मतलब पाकिस्तान को वोट करना है। मोदीजी, पहले नवाज शरीफ से प्यार और अब इमरान खान आपका चहेता यार। ढोल की पोल खुल गई।’’

अंबानी का फोकस न्यू ऐज बिजनेस पर
कॉर्पोरेट हिस्टोरियन प्रकाश बियाणी ने भास्कर प्लस ऐप को बताया कि मुकेश अंबानी का फोकस इस समय न्यू एज बिजनेस पर है। टेलीकॉम सेक्टर में जियो की लॉन्चिंग और अब ई-कॉमर्स सेक्टर में उतरने की तैयारी इसका उदाहरण है। पिछले कुछ समय से पेट्रोकेमिकल, रिफाइनिंग जैसे ओल्ड एज बिजनेस में रिलायंस को उतना प्रॉफिट मार्जिन नहीं मिल रहा, जितना पहले मिला करता था। यही कारण है कि इन दोनों बिजनेस में 25% हिस्सेदारी सऊदी अरामको को बेचने की बात चल रही है।

अंबानी के सामने चुनौतियां
बियाणी बताते हैं कि पहली चुनौती है- वेयरहाउस। दूसरी- लॉजिस्टिक और तीसरी- वेंडर्स। ई-कॉमर्स बिजनेस के लिए रिलायंस को देशभर में बड़े पैमाने पर वेयरहाउस खोलने होंगे ताकि अपने प्लेटफार्म पर बेची जाने वाली चीजों का अच्छी संख्या में स्टोरेज हो सके। इसके बाद लॉजिस्टिक सबसे महत्वपूर्ण कड़ी है। ऑनलाइन बिजनेस में ऑनटाइम डिलीवरी की होड़ है। ऐसे में ऑर्डर के बाद समय से प्रोडक्ट को कस्टमर तक पहुंचाने के लिए लॉजिस्टिक ऑपरेशन का मजबूत होना जरूरी है। इसके बाद वेंडर्स जोड़ना भी एक बड़ी चुनौती होगी। देशभर में प्रोडक्ट से जुड़े वेंडर्स जोड़ना एकदम आसान नहीं होगा। हालांकि देशभर में रिलायंस के कारोबार का फैलाव इन चुनौतियों से निपटने में सक्षम है।

भारत अभी मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में बहुत पीछे है। जब तक उत्पादन नहीं बढ़ेगा, तब तक सस्ते में सामान उपलब्ध नहीं हो सकेगा। ऐसे में जेफ बेजोस को पीछे छोड़ने के लिए मुकेश अंबानी को ग्लोबल प्लेटफॉर्म पर प्रोडक्ट बेचने होंगे।

अंबानी ने कहा है कि रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो मिलकर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म शुरू करने की तैयारी कर रहे हैं, लेकिन इसे शुरू करने में सबसे बड़ी समस्या डेटा शेयरिंग की है। दरअसल, रिलायंस रिटेल और रिलायंस जियो दो अलग-अलग कंपनियां हैं। डेटा प्राइवेसी के नियमों की वजह से अलग-अलग कंपनी होने के नाते दोनों अपना डेटा एक-दूसरे से शेयर नहीं कर सकतीं। हालांकि, इन दोनों कंपनियों के मर्जर से ऐसा हो सकता है। अगर दोनों कंपनियों को आपस में मिला दिया जाता है तो दो अलग-अलग कंपनियों का डेटा एक हो जाएगा और इसका इस्तेमाल ई-कॉमर्स में किया जा सकेगा।

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